रसूले खुदा दुनियां में शांति के दूत बनकर आए। इखलाक अहमद डेविड

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सामाजिक आचरण न्यूज़।अजमेर 26 अक्टूबर पैगम्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) की यौम ए विलादत माह का चाँद निकलने के साथ ही मोहम्मदी यूथ ग्रुप के प्रोग्रामों की कड़ी मे हिंद के सुल्तान के दरबार अजमेर शरीफ में जशन ए ईद मिलादुन्नबी की महफिल सजाकर नबी करीम की सुन्नतों पर अमल करने पर ज़ोर दिया गया।
जशन ए ईद मिलादुन्नबी की शुरुआत तिलावते कुरान पाक के साथ हुई शोरा कराम ने हुज़ूर सरकार की शान में नात मनकबत पढ़ी जिसमें मोहताज नही हूँ मैं दुनियां में किसी का, सदका मुझे मिलता है बहुत आले नबी का, सैय्यदा के बाबा तशरीफ़ ला रहे है, कौनेन के वाली तशरीफ़ ला रहे है, मांग लो जो मांगना है अली के सदके से, हसनैन के नाना तशरीफ़ ला रहे है, तुम ज़माने के मुख्तार हो या नबी बेकसो के मददगार हो या नबी सबकी सुनते हो अपने हो या गैर हो तुम गरीबो के गमखवार हो या नबी भर दो झोली मेरी या मोहम्मद लौटकर मै ना जाउंगा खाली, मेरा गदा मेरा मंगता मेरा गुलाम आए खुदा करे कभी अजमेर से ये पयाम आए।
ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि तालीमे नबी पर अमल क़िये बिना अमन संभव नहीं है उन्होंने कहा कि अल्लाह के प्यारे रसूल हज़रत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने फ़रमाया कि अगर आपका पड़ोसी आपके दुर्व्यवहार की वजह परेशान है तो आप मुसलमान नहीं हो सकते, अपने पड़ोसी का ख्याल करे परेशान हो तो उसकी मदद सबसे पहले करे।
इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम ने कहा कि सबसे बड़ा सवाब का काम भूखों को खाना खिलाना है, लोग इस तालीम पर अमल करें तो दुनिया से भूखमरी खत्म हो जायेगी, हम सबको इस पर अमल करना है जब हम अमल करके दिखा देंगे तो लोग चाहे जितनी कोशिश कर लें हमारे खिलाफ किसी के दिल में नफरत पैदा नहीं कर सकते यही काम सूफियों ने किया उन्होंने नबी की तालीम पर अमल किया और पूरा संसार उनका दीवाना हो गया, और चाहे कोई कितनी नफरत की बात करे उनके आस्तानों पर अकीदतमंदो की भीड़ कम नहीं होती। रसूले खुदा दुनियां में शांति के दूत बनकर आए हम सबको अगर अमन चाहिए तो खुद को उसी सांचे में ढालना होगा आज कल लोग सिर्फ अच्छी बाते बता रहे हैं उस पर खुद अमल नहीं करते यही वजह है कि समाज में अच्छाई कम बुराइयां ज़्यादा फैल रही हैं। जशन ईद मिलादुन्नबी की सजी महफिल में मौजूद लोगो ने एक दूसरे को और पूरे आलम को आमदे रसूल की मुबारकबाद दी। सलातो सलाम के बाद दुआ हुई दुआ में अल्लाह से आमदे रसूल, मौला अली, गरीब नवाज़ के सदके में हमारे प्यारे मुल्क में अमनों अमान कायम रख, हम सबको नबी करीम की सुन्नतों पर अमल करने वाला बना, बुराईयों से दूर कर, नमाज़ की पाबंदी करने, हक़ बात कहने-जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाला बना, मुल्क में खुशहाली तरक्की देने, कोरोना वायरस से हमारे मुल्क से पूरी तरह खात्मा करने की दुआ की दुआ के बाद लंगर तस्कीम किया गया।
जशन में इखलाक अहमद डेविड, सैय्यद इरफान अली रिज़वी कादरी, मोहम्मद शाहिद चिश्ती, परवेज़ आलम वारसी, अतीक अंसारी, मोहम्मद सरफराज़, अदनान अहमद, मोहम्मद रज़ा खान, मोहम्मद आतिफ, अरशद कुरैशी, फिरोज़ खान, काशिफ खान, एजाज़ अहमद, मोहम्मद कामरान खान, फैज़ान खान, शोएब चिश्ती आदि लोग मौजूद थे।

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